Pulse Oximeter Correct Use At Home (Hindi) | पल्स-ऑक्सीमीटर का घर पर सही...
पिछले दिनों जब अम्मा बीमार थी मेरे एक दोस्त ने सलाह दी थी कि मैं उनका ऑक्सीजन लेवल चेक करती रहूँ, एक ओक्सीमीटर रख लूं और SoP पर पूरी नजर रखूँ| मित्र खुद कोरोना से लड़कर वापस आये हैं तो उनकी सलाह नजर अंदाज नहीं कर सकती थी| लेकिन कोई भी उपाय अपनाने के पहले उस उपाय से परिचित होने भी जरूरी होता है इसलिए इस साहित्य के विद्यार्थी को थोड़ी पढाई करनी पड़ी| आईये जानते हैं कि आखिर ये क्या चीजे हैं और क्यों इनका जानना जरूरी है|
ऑक्सीजन लेवल- जब हम ऑक्सीजन लेवल की बात करते हैं तो हमारा मतलब वायुमंडल में मौजूद ऑक्सीजन से नहीं होता है| बल्कि यह हमारे रक्त में मौजूद ऑक्सीजन की बात हो रही है| इसे समझने के लिए हमें पहले रक्त की संरचना को समझना होगा|
रक्त हमारे शरीर में बहने वाला तरल पदार्थ है जो ऑक्सीजन, कार्बन डाई ऑक्साइड्स, ग्लूकोस, हारमोंस आदि के संचरण को सुनिश्चित करता है| इसके मुख्यतः दो भाग होते हैं- 1. प्लाज्मा
2. रक्त कणिकाएं
प्लाज्मा- यह शरीर का लगभग 55% भाग होता है| मुख्य रूप से यह पानी, प्रोटीन, नमक और ग्लूकोज का बना होता है| पानी इसमें 90% होता है तो अन्य अवयव लगभग 10%| प्लाज्मा शरीर के ताप को नियंत्रण में रखता है तथा रोगों से रक्षा करता है| यह घावों को भरने में भी सहायता करता है|
2. लाल रक्त कणिकाएं
3.प्लेटलेट्स
श्वेत रक्त कणिकाएं, केन्द्रक युक्त कोशिकाएं हैं जीना मुख्य कार्य शरीर की रोगों से रक्षा करना और उसकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है|
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