आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( कृत्रिम बुद्धिमत्ता) और इंसानी रोबोट
2016 में 'लाइफ ओके' पर एक सीरियल आया था 'बहु हमारी रजनीकांत'| इस सीरियल में एक वैज्ञानिक 'शान' अपने जीवन की परेशानियों से बचने के लिए एक रोबोट बनाता है जिसे वह नाम देता है - 'रजनी'| शान, रजनी को अपनी पत्नी के रूप में दुनिया के सामने लाता है और यही शुरू होती है एक इंसानी रोबोट की मजेदार दास्तान| यह सीरियल एक विज्ञान फतांसी था और इसे दर्शकों का भरपूर प्यार मिला| लेकिन एक काम जो बड़े चुपके से इस सीरियल ने किया वो था HUMANOIDS यानि इंसानी रोबोट से हमारा परिचय कराने का काम|
रोबोट से हम काफी समय से परिचित हैं लेकिन जब कोई रोबोट अपनी क्षमता को काफी विकसित कर बिलकुल इंसानों की तरह बन जाता है तो उसे HUMONOIDS यानि इंसानी रोबोट कहते हैं| रोबोट में यह क्षमता आती है 'आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस' यानि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के द्वारा| अब ये कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है, आईये जानने की कोशिश करते हैं 'रवि कुमार' की कलम से, मॉडरेटर हैं प्रीति प्रकाश|
कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि (AI) कंप्यूटर विज्ञान की वह शाखा है जिसमे इंसान ऐसे कंप्यूटर का निर्माण करता है जो खुद इंसानों की तरह काम करे| अब सवाल यह उठता है कि आखिर एक इंसान और कंप्यूटर में क्या अंतर होता है| अपनी दिनचर्या पर नजर डाले| आप में और आपके लैपटॉप में क्या अंतर है?
आपके दरवाजे की घंटी बजती है, आप दरवाजे तक जाते हैं, फिर आगंतुक को देखते हैं, अगर आप उन्हें पहचानते हैं तो अन्दर बुलाते हैं और अगर नहीं पहचानते तो उनसे उनका परिचय और आने का प्रयोजन पूछते हैं? इन तमाम क्रियाविधि में आपका लैपटॉप टेबल पर पड़ा है| अब हम यह ध्यान देंगे कि आखिर वो कौन से काम हैं जो हमने इस प्रक्रिया में किये.
1. सुनना और बोलना
2.आव़ाज पहचानना
3. चलना
4. पढना और लिखना
5. नाचना गाना इत्यादि
अब हम जानेंगे कि किसी कंप्यूटर को हम इतना सक्षम कैसे बना सकते हैं?
इंसान के पास बोलने सुनने की क्षमता होती है| वह आवाज पहचानता है| दरवाजे की घंटी और किसी आदमी की आवाज का अंतर उसे पता है| उसे यह भी पता होता है कि आव़ाज किसकी है? पुरुष की या स्त्री की? युवा की या वृद्ध की? गीता की या सीता की? आव़ाज पहचानने के लिए मशीन के पास यह वर्गीकरण की क्षमता आती है statical learning से| आज जो हम अलेक्सा, गूगल असिस्टेंट, या फिर सीरी की बात करते हैं उनमे दरअसल आव़ाज को पहचानने की इसी क्षमता का प्रयोग होता है| हालांकि ये थोड़े और परिष्कृत रोबोट हैं और ये कमांड के अनुसार रिजल्ट भी दे देते हैं
सभी इंसान पढ़- लिख सकते हैं| मशीन के पास भी पढने और लिखने की क्षमता हो इसके लिए NLP अर्थात NATURAL LANGUAGE प्रोसेसिंग का प्रयोग किया जाता है| अगर आपने रेलवे की वेबसाइट IRCTC देखी होगी तो आप इससे परिचित होंगे| इस वेबसाइट पर ASK DISHA करके एक पॉप अप खुलता है| आप DISHA से कुछ टाइप करके पूछते हैं और दिशा अपनी जानकारी के हिसाब से उसके जवाब देती है|
इंसान देख सकता है| उसका दिमाग देखे गए दृश्य के आधार पर इंसान के अगले कदम को दिशा निर्देश देता है| दरवाजे पर आगंतुक को देख कर आप उसे अन्दर बुलाते हैं| किसी को चोट लगी होती है तो आपका दिमाग आपको उसकी मदद करने को कहता है| अगर ऐसी ही खूबी हमारे मशीन में हो तो? इसके लिए जरूरत होगी कंप्यूटर विज़न और इमेज प्रोसेसिंग की| इसका एक उदाहरण है - अमेज़न गो दूकानों की श्रृंखला| इसमें आप amazon की दुकान में जाते हैं| अपनी पसंद की वस्तुएं उठाते हैं और बिना भुगतान किए निकल आते हैं|यहाँ कैमरा आपकी सारी गतिविधियों को रिकॉर्ड कर खुद भुगतान कर लेता है|
यहाँ तीन तकनीकों का प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाता है| 1. computer vision 2. deep learning 3. Sensor fusion
4. इंसान अपनी जरूरत के अनुसार कहीं भी आ- जा सकता है| अगर मशीन को ऐसा करना हो तो? इसके लिए जरूरत है रोबोटिक साइंस की| हम सामान्य रूप से प्रचलित ड्रोन को उड़ने वाले रोबोट कह सकते हैं| फ़ोर्ब्स के रिपोर्ट के अनुसार चीन ने covid-19 के नियंत्रण में ड्रोन और रोबोट का इस्तेमाल बखूबी किया है| ड्रोन क्या होता है इसे समझने के लिए ये वीडियो आपकी मदद करेगी|
5. इंसान को एक समान वस्तुओं को देखने एवं समझने की एवं उन्हें वर्गीकृत करने की क्षमता होती है| ऐसा गुण यदि मशीन में चाहें तो इसे कहेंगे पैटर्न रिकग्निशन (pattern recognition). हमारे मशीन तो इंसान की तुलना में काफी तेजी से पैटर्न समझ कर त्रुटी रहित गणना कर सकते हैं| पैटर्न रिकग्निशन मशीन लर्निंग के तहत आता है| किसी की अँगुलियों की छाप को पढना, शेयर बाजार में शेयरों के रुझान की समीक्षा ये सब पैटर्न रिकग्निशन के तहत आता है|
ऐसे ही अनेक विकसित तरीकों का इस्तेमाल कर बनाया गया पहला इंसानी रोबोट सोफिया|
सोफिया का नाम तो सुना होगा न?
नहीं नहीं, बुल्गारिया की राजधानी है वाली सोफिया नहीं| यहाँ हम बात कर रहें हैं 'सोफिया' नाम के इंसानी रोबोट के बारे में| रोबोट वर्षों से बने रहे थे लेकिन वो ख़ास चीज जो सोफिया को बाकि रोबोट से अलग करती है वह है 'आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस'| इस रोबोट में वो तमाम खूबियाँ डालने की कोशिश की गयी जिसकी उम्मीद हम किसी समझदार इंसान से कर सकते हैं जैसे वो आपके सवालों के जवाब दे सकती है, गाने गा सकती है, जोक्स सुना सकती है| बात करते समय पलके झपका सकती है, मुस्कुरा सकती है, चेहरे पर भाव ला सकती है| विभिन्न भाषाओँ और विभिन्न विषयों में पारंगत सोफिया को सऊदी अरब ने अपनी नागरिकता प्रदान की है, और वह विश्व की पहली हुमनोइड है जिसे किसी देश ने अपनी नागरिकता प्रदान की है|
यानि मशीनों में अब इंसानी खूबियों को लाना कोई ख्वाब नहीं रह गया बल्कि इस दिशा में तमाम प्रयास जारी हैं| मशीनों का बुद्धिमान होना क्या इंसानो के लिए खतरनाक होगा यह एक सवाल है लेकिन फिलहाल हम सिर्फ इतना जानते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का यदि सही दिशा में इस्तेमाल किया जाए तो फ़ायदे कई हो सकते हैं|
( लेखक 'रवि कुमार' बैंक ऑफ़ इंडिया में कार्यरत हैं)
https://youtu.be/NrmMk1Myrxc
यहाँ तीन तकनीकों का प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाता है| 1. computer vision 2. deep learning 3. Sensor fusion
4. इंसान अपनी जरूरत के अनुसार कहीं भी आ- जा सकता है| अगर मशीन को ऐसा करना हो तो? इसके लिए जरूरत है रोबोटिक साइंस की| हम सामान्य रूप से प्रचलित ड्रोन को उड़ने वाले रोबोट कह सकते हैं| फ़ोर्ब्स के रिपोर्ट के अनुसार चीन ने covid-19 के नियंत्रण में ड्रोन और रोबोट का इस्तेमाल बखूबी किया है| ड्रोन क्या होता है इसे समझने के लिए ये वीडियो आपकी मदद करेगी|
5. इंसान को एक समान वस्तुओं को देखने एवं समझने की एवं उन्हें वर्गीकृत करने की क्षमता होती है| ऐसा गुण यदि मशीन में चाहें तो इसे कहेंगे पैटर्न रिकग्निशन (pattern recognition). हमारे मशीन तो इंसान की तुलना में काफी तेजी से पैटर्न समझ कर त्रुटी रहित गणना कर सकते हैं| पैटर्न रिकग्निशन मशीन लर्निंग के तहत आता है| किसी की अँगुलियों की छाप को पढना, शेयर बाजार में शेयरों के रुझान की समीक्षा ये सब पैटर्न रिकग्निशन के तहत आता है|
ऐसे ही अनेक विकसित तरीकों का इस्तेमाल कर बनाया गया पहला इंसानी रोबोट सोफिया|
सोफिया का नाम तो सुना होगा न?
नहीं नहीं, बुल्गारिया की राजधानी है वाली सोफिया नहीं| यहाँ हम बात कर रहें हैं 'सोफिया' नाम के इंसानी रोबोट के बारे में| रोबोट वर्षों से बने रहे थे लेकिन वो ख़ास चीज जो सोफिया को बाकि रोबोट से अलग करती है वह है 'आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस'| इस रोबोट में वो तमाम खूबियाँ डालने की कोशिश की गयी जिसकी उम्मीद हम किसी समझदार इंसान से कर सकते हैं जैसे वो आपके सवालों के जवाब दे सकती है, गाने गा सकती है, जोक्स सुना सकती है| बात करते समय पलके झपका सकती है, मुस्कुरा सकती है, चेहरे पर भाव ला सकती है| विभिन्न भाषाओँ और विभिन्न विषयों में पारंगत सोफिया को सऊदी अरब ने अपनी नागरिकता प्रदान की है, और वह विश्व की पहली हुमनोइड है जिसे किसी देश ने अपनी नागरिकता प्रदान की है|
यानि मशीनों में अब इंसानी खूबियों को लाना कोई ख्वाब नहीं रह गया बल्कि इस दिशा में तमाम प्रयास जारी हैं| मशीनों का बुद्धिमान होना क्या इंसानो के लिए खतरनाक होगा यह एक सवाल है लेकिन फिलहाल हम सिर्फ इतना जानते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का यदि सही दिशा में इस्तेमाल किया जाए तो फ़ायदे कई हो सकते हैं|
( लेखक 'रवि कुमार' बैंक ऑफ़ इंडिया में कार्यरत हैं)
https://youtu.be/NrmMk1Myrxc

अच्छा लिखा है।
जवाब देंहटाएंआभारी हूँ आपकी लेखक महोदय
हटाएंGood job sir..we are so proud to see how the banker thinks about the future technology ..thats rarely shown..👍💪
जवाब देंहटाएंBest description about humanoid....and easy way to understood....👍
जवाब देंहटाएंthank you
हटाएंSo well written and informative post about AI, humanoid. References taken are so damn good, hope to see more columns on si-fi & technology from the duo writers
हटाएंअति सुंदर रवि जी। अनंत शुभकामनायें - अभय
जवाब देंहटाएंशुक्रिया जी
हटाएंअदभुत प्रतिलिपि
जवाब देंहटाएंआभार
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